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Wednesday, 30 September 2020

ओम साईं राम

ओम् नमः शिवाय शिवजी सदा सहाय

गुरुजी को जीवन में धारण करने का तात्पर्य है कि आपने अपने जीवन को सफल बनाया है बिना गुरु के आपको जीवन में तरक्की और संतुष्टि प्राप्त नहीं हो सकती आप चाहे जितना दौड़ने गुरु आपको रास्ता बताता है गुरु आपको सन्मति देते हैं गुरु आपको संतुष्टि की तरह गुरु आपके ऊपर नियंत्रण रखता है कि आप कोई गलत कार्य ना करें गुरु का तात्पर्य है जीवन के अंदर सफलता प्राप्त करने के लिए एक ऐसी साधना जिसको हर कोई प्राप्त नहीं कर सकता है यदि ग्रुप बनाना है तो आपके अंदर सबसे पहले कपड़ा नहीं होना चाहिए जिसके मन में कपट होता है वह किसी को भी गुरु नहीं बना सकता है क्योंकि जिस तरह से मैंने गुरुजी को धारण किया है शायद यह मेरे जीवन का अनुभव है जिसको मैं गहराई से अनुभव कर सकता हूं जब तक मैं किसी भगवान किसी को किसी देवता को नहीं मानता था मुझे लगता था कि सारी दुनिया में यह चीजें पाखंड है लेकिन गुरु जी के आश्रम में जाने के बाद मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जीवन में गुरु का होना अनिवार्य है गुरु शांति  देते हैं  गुरु आपको गलत काम करने से रोकता है गुरुजी आप की चिंताओं को मिटाता है गुरु अपने जीवन के अंदर पल पल में खुशियां देता रहता है गुरु जी आपको पल में वह दे सकते हैं जो आपको पूरे जीवन में नहीं मिला जिसके पीछे हम दौड़ते रहते हैं और अपना सारा जीवन खपा देते हैं गुरु जी को मानने वाले जीवन के अंदर उन चीजों को इतनी आसानी से प्राप्त कर लेते हैं कि उनको प्राप्त करने के बाद खुद भी हैरानी होती है कि क्या ऐसा संभव है कि बिना किसी चिंता और भय के उस कार्य को पूरा कर लिया।