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Saturday, 2 March 2019

गुरुजी की संगत का सत्संग

प्यारी संगत जी जय गुरु जी
आज मैं आप सभी के साथ अपना एक सत्संग साझा करना चाहती हूँ।
मैं इस माह की 4 तारीख से बीमार थी और लगातार दवाई भी ले रही थी लेकिन मुझे किसी भी दवाई से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। मैंने एक से डेढ़ सप्ताह के अंतराल में 3 चिकित्सक बदले लेकिन सब व्यर्थ गया।
अंत में मेरे परिवार के सदस्यों ने मुझे सेंट स्टीफन अस्पताल में भर्ती करवा दिया। वहाँ मेरी सभी प्रकार की जाँच हुई और 2 दिन बाद पता चला कि मेरे पेट में बेहद ही अधिक स्तर पर एसिड बन रहा था और मेरे पेट में अलसर बनने की शुरुआत हो गई थी । मुझे बहुत बेचैनी रहती थी, 24 घण्टे भारीपन महसूस होता था और ऐसा लगता था कि उल्टी होने वाली है पर कभी भी होती नहीं थी। मैं और परिवार के सभी सदस्य बेहद चिंतित रहते थे। अस्पताल में 3-4 दिन रहने के बाद मेरी वहाँ से छुट्टी हो गई जबकि मैं पूर्णत: ठीक महसूस नहीं कर रही थी। घर आने के बाद मेरी परेशानी और ज्यादा बढ़ने लगी क्योंकि जैसे ही मैं लेटती तो वो सारा एसिड मेरे मुँह में आने लगता, इसी कारण मैंने पूरे तीन दिन और तीन रात बैठ कर काटे और बिल्कुल भी लेट नहीं सकी।
मैं अपनी सेहत से बेहद परेशान थी और बैठे बैठे अपनी हालत के विषय में सोच रही थी । उसी समय मेरी नज़र सामने रखी कलम पर पड़ी। मैंने बिना कुछ सोचे-विचारे कलम उठाई और रात को अपनी सभी दवाइयों के पत्तों व सिरप की बोतलों पर जी गुरु जी लिख दिया।
अगले दिन सुबह नहा-धोकर मैंने अपनी एक छात्रा द्वारा तोहफे में मिला हुआ गुरुजी का बड़ा वाला लॉकेट भी लाल धागे में डालकर पहन लिया जिसकी कुछ दिन पहले मोतियों की माला स्वयं टूट गई थी जिस कारण वो मैंने उतार कर रख दिया था।
उसी रात जब सब सोने जा रहे थे तो मैंने कहा कि मैं बाहर बैठकर ही टी.वी. देखूँगी क्योंकि लेट तो मैं वैसे भी नहीं सकूँगी। इस पर मेरी सासू माँ ने कहा कि लेटकर तो देखो क्या पता तीन दिन से सही प्रकार से न सो पाने के कारण शायद नींद आ जाए लेकिन मैं लगातार मना करती रही। उनके बहुत कहने पर मैंने निर्णय लिया कि एक बार कोशिश कर लेती हूँ और अंदर लेटने चली गई।
मैं जैसे ही लेटी मुझे नींद आने लगी और सीधे लेट जाने पर भी मेरे मुँह में एसिड नहीं आया। रात को मेरी जब भी आँख खुली मैंने जय गुरुजी बोला और सो गई। उस दिन तीन रातों के बाद मुझे चैन की नींद आई।
सुबह उठकर मैंने गुरुजी का नाम लिया और उनका शुक्राना किया।
दवाइयों पर जय गुरु जी लिखते ही और उनका लॉकेट पहनते ही मेरी सेहत में अचानक से 20 दिनों बाद सुधार होने लगा और मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि जो काम 3 डॉक्टर और अस्पताल वाले नहीं कर पाए वो मेरे गुरु जी के नाम ने कर दिखाया।
शुक्राना गुरुजी
गुरु जी
कृपा बनाए रखना गुरुजी
कोटि कोटि शुक्राना गुरुजी